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Thursday, April 21, 2011

जवानी स्यूं बुढ़ापे गी बात ...


आज मैं ठूंठो हूँ,
कदी मैं लूंठो हो

कदी मोढै पर ही कस्सी अर बूंकियाँ में हो जोर
अब कदी छियां अर कदी तावड़ो पर ला'दी कठै'ई न ठौर

4 comments:

  1. भोत सोवणी बात मांडी ...... गैरो अर्थ इमें

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  2. थारी आ पोस्ट न् पढ़ की जी शोरो होगो ..................बोहत बोहत घणे मान स्यू थाने राम राम ....

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  3. .बोहत बोहत घणे मान स्यू थाने राम राम ....

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