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Tuesday, April 26, 2011

बोल, तेरी माँ तनै कित्ती मिरकली घी घाल्यो ?...

- माऊ, आज नीं मनै तूँ पांच मिरकली घी घाली !
- कियाँ ? आज के तूँ खोदी काड गे आयो है ?
- ना, पण आथण जद सारा खेलै, तो मेरै सारा बेलियाँ नै ज्यादा हींडा मिलै अर मनै कम हींडा मिलै है। कोई पूछ ही ल्यै के ' बोल, तेरी माँ तनै कित्ती मिरकली घी घाल्यो ?' .....तो तेरी बेजती तो कोनी होवै.

Thursday, April 21, 2011

जवानी स्यूं बुढ़ापे गी बात ...


आज मैं ठूंठो हूँ,
कदी मैं लूंठो हो

कदी मोढै पर ही कस्सी अर बूंकियाँ में हो जोर
अब कदी छियां अर कदी तावड़ो पर ला'दी कठै'ई न ठौर

Tuesday, April 19, 2011

आ बिलड़ी तो खा'गी मनै ...

- अरे टींगर ! ईं बिलड़ी नै परने भजा रै..., ईं नै दिनगे तो दूध घाल्यो हो! आ तो फेर आ'गे बैठगी.
- आ बिलड़ी जद माऊ माऊ करै है, जद तो तूं भाज'र ढूध घालद्यै अर मैं दिनगे गो माऊ-माऊ करण लागरयो हूँ! मने तो तं एक बाटकड़ी चा ई कोनी बणागे दी? मैं तो कोनी भजाऊं.

Sunday, April 17, 2011

थारे घरे कुण है ?



- थारे घरे कुण है ?
- कोई कोनी , के बात ही ?
- माहरले कालिये गो ब्याह मांड राख्यो है जद गीतां गो केहन आई , तेरी सासु ने के दई याद करगे ! के कालिये गी मां आई गीतां गो केहन |
- माऊ तो लाधू आले घरे गयी है ढोकलिया नुडान ने , आ सी जद के दे स्यूं , अर बाबो गाम ग्येडा है राधकी गे सासरे बे तो तडके ही आवेला |

ल्यो बाबा थारी फोटू खींचूं...