- थारे घरे कुण है ?
- कोई कोनी , के बात ही ?
- माहरले कालिये गो ब्याह मांड राख्यो है जद गीतां गो केहन आई , तेरी सासु ने के दई याद करगे ! के कालिये गी मां आई गीतां गो केहन |
- माऊ तो लाधू आले घरे गयी है ढोकलिया नुडान ने , आ सी जद के दे स्यूं ,
अर बाबो गाम ग्येडा है राधकी गे सासरे बे तो तडके ही आवेला |
angad bhai,
ReplyDeletesuno kaam kryo hai blog rajasthani maany bnaa'r............. thaaro pryaas ghano e suno ! laagya revo ..........
Kagad ji , bhai sahab satyanarayan ji, kisaan ji , vinod sarswat ji aadi saathiyaa syoon slaah levntaa rhiyo a'r aapge lekhan ne iyaan hi rang devo!!!
जोरदार भाई,भोत ई जोरदार !
ReplyDeleteबधायजै !
www.omkagad.blogspot.com
जबरो..... माऊ-बाबो इण जुग मांय गमता जाय रैया है वै मम्मी-डैडी रो बोझ नीं सैय सकै/ पण अठै आय र लाग्यो कै नीं वै गम्या कोनी, आपणी आख्यां साम्हीं है।
ReplyDeleteबाबै री फोटू सांतरी खींची।
बतळावंण ई के कम है। ढोकळिया बरणी।
आसीरवाद। मंगळकामना।
आ तो जोरदार हताई सूणा दी |
ReplyDeleteATI SUNDER........
ReplyDelete