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Sunday, April 17, 2011

थारे घरे कुण है ?



- थारे घरे कुण है ?
- कोई कोनी , के बात ही ?
- माहरले कालिये गो ब्याह मांड राख्यो है जद गीतां गो केहन आई , तेरी सासु ने के दई याद करगे ! के कालिये गी मां आई गीतां गो केहन |
- माऊ तो लाधू आले घरे गयी है ढोकलिया नुडान ने , आ सी जद के दे स्यूं , अर बाबो गाम ग्येडा है राधकी गे सासरे बे तो तडके ही आवेला |

5 comments:

  1. angad bhai,
    suno kaam kryo hai blog rajasthani maany bnaa'r............. thaaro pryaas ghano e suno ! laagya revo ..........
    Kagad ji , bhai sahab satyanarayan ji, kisaan ji , vinod sarswat ji aadi saathiyaa syoon slaah levntaa rhiyo a'r aapge lekhan ne iyaan hi rang devo!!!

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  2. जोरदार भाई,भोत ई जोरदार !
    बधायजै !
    www.omkagad.blogspot.com

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  3. जबरो..... माऊ-बाबो इण जुग मांय गमता जाय रैया है वै मम्‍मी-डैडी रो बोझ नीं सैय सकै/ पण अठै आय र लाग्‍यो कै नीं वै गम्‍या कोनी, आपणी आख्‍यां साम्‍हीं है।
    बाबै री फोटू सांतरी खींची।
    बतळावंण ई के कम है। ढोकळिया बरणी।

    आसीरवाद। मंगळकामना।

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  4. आ तो जोरदार हताई सूणा दी |

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